Harvest:An International Multidisciplinary and Multilingual Research Journal
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Harvest: An International Multidisciplinary and Multilingual Research Journal
E-ISSN :
2582-9866
Impact Factor: 5.4
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Volume II Issue I January-March 2022
Name of Author :
डॉक्टर शैलजा वासु िवे ा & डॉ आशु फु ल्ल
Title of the paper :
आधु निक समय में भारत में वैदिक सस्ं कृ नत के समक्ष चु िौनतया
Abstract:
भारिीय समाज ‘विभभन्निा में एकिा की जीिी जागिी भमसाल है।भारिीय समाज में विभभन्न धमों, जातियों, िगों और भाषाओांके लोग रहिेहैं।भारि मेंलगभग हर 10 ककलोमीटर की दूरी पर रीति ररिाज, भाषा और िशे भू षा बदल जािी है।भारिीय सस्ां कृ ति विश्ि की सिोपरर सस्ां कृ तियों में सएे क मानी जािी है।यहाांिक की कई विदेशीमू ल के नागररकों नेभारिीय सभ्यिा एिांसस्ां क ृ ति को अपनाया है।विदेशी मू ल के यह नागररक भारि की सस्ां कृ ति और सभ्यिा की ओर इिनेज्यादा आकवषिि हु ए कक, उन्होंने अपना देशछोडकर भारि की सभ्यिा और सस्ां कृ ति को अपनाया और भारि में स्थाई रूप सेरहना शु रू कर हदया। आज के समय मेंभारि के हर एक राज्य मेंअनेकविदेशीयहाकां ी स्थानीय िशे भू षा में घू मिे किरिेनजर आिेहैं , यह इस बाि का जीिा जागिा प्रमाण है कक विदेभशयोंको भारिीय सभ्यिा और सस्ां कृ ति अपनी और अत्यधधक आकवषिि कर रही है। हमारी भारिीय सस्ां कृ ति विश्ि की उच्चिम सस्ां कृ तियों में सएे क है परिां ु किर भी समय के साथ-साथ हमारी भारिीय सस्ां कृ ति आज के समय में कई िरह की चु नौतियों का सामना कर रही है।यह शोध लेखभारिीय सस्ां कृ ति क्या है ? इसकी विशेषिाएां क्या है ? और आज के समय में भारिीय सस्ां कृ ति के समक्ष क्या-क्या चु नौतियाहां ैं ? इन सभी मु द्दों का विस्िृि वििरण इस शोध लेखमें हदया गया है।
Keywords :
भारतीय, सस्ं कृ नत, ववसभन्िता में एकता, ववशेषताए,ं चु िौनतया
DOI :
Page No. :
115-125