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Harvest: An International Multidisciplinary and Multilingual Research Journal
E-ISSN :
2582-9866
Impact Factor: 5.4
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Volume I Issue III July 2021
Name of Author :
डॉ आशु फुल्ल & डॉ शैलजा वासुदेवा
Title of the paper :
भारतीय परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 जनित सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया
Abstract:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। लेखक रायट के अनुसार- “समाज व्यक्तियों का एक समूह नहीं,अपितु विभिन्न समूहों के व्यक्तियों के मध्य संबंधों की व्यवस्था है।संबंधों की इसी शाश्वतता तथा आत्मीयता पर भयंकर कुठाराघात करता पहला केस चीन के वुहान शहर में अध्ययनरत छात्रा के रूप में आया जो केरल से संबंधित थी। शीघ्र ही भारत में कोरोना वायरस के केस बढ़ते चले गए। प्रधानमंत्री ने स्थिति की भयावहता को देखते हुए देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी। लाक डाउन के दौरान भारतीय जनमानस की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक तथा व्यक्तिगत स्थितियों में जो क्रांतिकारी परिवर्तन आते गए, जैसी गहन अस्त-व्यस्तता तथा तथा मानसिक उथल-पुथलता का सामना आम जनता को करना पड़ा, उससे मानसिक तनाव,अवसाद, निराशा और अनजान से भय का अंतहीन सिलसिला चल निकला। यह वास्तविक रूप से मानव के समक्ष नितांत अपरिहार्य, अकल्पनीय , विकटताओं से भरा समस्यापरक समय था जिसका सामना संपूर्ण मानव जाति को अनिवार्य रूप से करना ही था क्योंकि प्रश्न निजी अस्तित्व संकट तथा प्राणरक्षा का था, जिजीविषा को बचाए रखने की जद्दोजहद से संबंधित मामला था। मौजूदा परिवेश में इन्हीं परिस्थितियों का आकलन करते हुए कोरोनावायरस के प्रभावजन्य परिणामों का अध्ययन विश्लेषण करना इस शोध पत्र लेखन का प्रमुख उद्देश्य रहा है। विशेष रुप से इस वायरस से उत्पन्न सामाजिक परिस्थितियों और मनोवैज्ञानिक मनन स्थितियों का विशिष्ट चित्रण करते हुए इस के संदर्भ में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से उभर कर सामने आए विभिन्न कारकों की व्याख्या तथा परिणामों का उल्लेख भी इस शोध पत्र का लक्ष्य रहा है। साथ ही साथ संदर्भित महामारी से बचाव के समाधान तथा उपायों पर भी चर्चा इस शोध पत्र के द्वारा की गई है।
Keywords :
भारत ,कोविड-19, सामाजिक,मनोवैज्ञानिक, प्रभाव
DOI :
Page No. :
32-40